भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार की अनुमति के बिना प्राइवेट स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों की फीस बढ़ाने और किताब पब्लिकेशन के मामले को लेकर सरकार और प्रशासन सख्त नजर आ रही है। जबलपुर के प्राइवेट स्कूलों द्वारा अवैध फीस वसूलने को कलेक्टर ने संज्ञान में लेकर कार्यवाही की है जिसके बाद अब प्रदेश के समस्त कलेक्टर को प्राइवेट स्कूल के खिलाफ अनियमितता पाएं जाने पर कार्यवाही के निर्देश जारी किए गए है। मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव ने 30 मई 2024 को उक्त निर्देश जारी किए हैं। शासन से जारी निर्देश से प्राइवेट स्कूल की मनमानी पर लगाम लगेगी तो वही उन अभिभावकों को बड़ी राहत मिलेगी जो प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी फीस और किताबों की कीमतों से परेशान थे।
जारी दिशा निर्देश के अनुसार लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल का पत्र दिनांक 20.05.2024 के द्वारा फीस तथा अन्य विषयों की जानकारी अशासकीय विद्यालय द्वारा पोर्टल पर 8 जून 2024 तक अपलोड करने के निर्देश जारी किये गये हैं। मध्य प्रदेश में संचालित प्राइवेट विद्यालयो में म०प्र० निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम, 2020 का उल्लंघन और अनियमितता की शिकायत प्राप्त हो रही है। जिसको लेकर प्रदेश के समस्त कलेक्टर को निर्देशित किया गया है कि शासन द्वारा जारी उक्त अधिनियम/नियमों में उल्लेखित प्रावधानों का सम्यक रूप से पालन सुनिश्चित करें। प्राइवेट स्कूल प्रबंधन द्वारा फर्जी व डुप्लीकेट ISBNपाठ्य पुस्तकों को पाठ्यक्रम ने शामिल किया जा रहा है। इस बिंदु पर दिनांक 30 जून 2024 तक विशेष अभियान चलाकर जांच पूर्ण कर चिन्हांकन करने कि क्या संबंधित विद्यालय प्रबंधन द्वारा इस प्रकार की कार्यवाही कर अनियमितताएँ की गई है। अनियमितताएँ पाए जाने पर संबंधित प्रकाशक एवं बुक सेलर्स के विरूद्ध नियमानुकूल कार्यवाही करने के शासन स्तर से निर्देश जारी किए गए हैं और जांच उपरांत जांच प्रतिवेदन की एक प्रति आयुक्त, लोक शिक्षण, म०प्र० को भेजने के निर्देश दिए गए हैं ।
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